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सोमवार, 15 नवंबर 2010

लेखन को समर्पित दिवस : आई लव टू राइट डे

लिखना मेरी अभिरुचियों में शामिल है. कई मित्र अक्सर पूछते हैं कि इस अभिरुचि के क्या मायने हैं ?...इन्टरनेट संस्कृति ने कहीं न कहीं पढने और लिखने को प्रभावित किया है, पर पुस्तक में मुद्रित शब्दों को पढने का जो आनंद है, अन्यत्र कहीं नहीं. इसके सहारे न जाने कितनी दूर-दूर कि यात्रायें ख़त्म हो जाती हैं और कभी-कभी तो पूरी रात भी बिना पलक झपकाए किसी पुस्तक को पढ़कर ख़त्म करने का सुख ही कुछ और है.

...खैर आज इसकी चर्चा का विशेष कारण है. 15 नवम्बर को 'आई लव टू राइट डे' मनाया जाता है. वर्ष 2002 में यह सर्वप्रथम मनाया गया और इसकी परिकल्पना मूलत: डेलवारे के लेखक जॉन रिडले ने की थी. इस पहल को स्वीकारते हुए डेलवारे के गवर्नर रुथ एन. मिनर ने 15 नवम्बर को आधिकारिक रूप से 'आई लव टू राइट डे' मनाये जाने की घोषणा की, जिसे बाद में पेनसेलवेनिया और फ्लोरिडा ने भी स्वीकार लिया. इसके तहत स्कूलों, लाइब्रेरी, कम्युनिटी सेंटर्स, बुक स्टोर्स इत्यादि में तमाम तरह की लेखन गतिविधियों का आयोजन किया गया. वस्तुत: इसका उद्देश्य हर आयु-वर्ग के लोगों को विभिन्न विधाओं- निबंध, पत्र, कहानी इत्यादि लिखने के लिए प्रवृत्त करना है...तो चलिए कुछ लिखते हैं, रचते हैं और फिर गुनते हैं। लेखन को समर्पित इस दिवस की ढेरों शुभकामनायें !!

19 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

मुझे तो हर दिन लिखना भाता है, भले एक ही वाक्य लिखूँ।

सोमेश सक्सेना ने कहा…

अच्छी जानकारी। वैसे जिन्हे लिखना पसंद है वे उनके लिए तो हर दिन आई लव टू राइट डे है, पर नये लोगों को विशेषकर बच्चों को लेखन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए इस तरह के दिवस मनाने आवश्यक हैं।

पी.एस .भाकुनी ने कहा…

जानकारी हेतु आभार ! वैसे मुझे नहीं पता था की ऐसा भी कोई दे (दिवस) मनाया जाता है .
लेखन को समर्पित इस दिवस की ढेरों शुभकामनायें !!

KK Yadav ने कहा…

@ Pravin ji,

वाकई यह भी एक खूबी है...इसे बनाये रहें.

KK Yadav ने कहा…

@ Somesh,

आपकी सारगर्भित टिपण्णी के लिए आभार. सही कहा आपने कि नये लोगों को विशेषकर बच्चों को लेखन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए इस तरह के दिवस मनाने आवश्यक हैं।

KK Yadav ने कहा…

@ Paanu ji,

आजकल तो हर दिन कोई न कोई दिवस मनाया जाता है. दिवसों के बहाने ही कुछ ज्ञानार्जन भी हो जाता है.

Shyama ने कहा…

'आई लव टू राइट डे' के बारे में पहली बार पढ़ा, पर बड़ी अच्छी जानकारी . के.के. यादव जी को साधुवाद.

Shyama ने कहा…

'आई लव टू राइट डे' के बारे में पहली बार पढ़ा, पर बड़ी अच्छी जानकारी . के.के. यादव जी को साधुवाद.

Akanksha Yadav ने कहा…

'आई लव टू राइट डे' के बारे में शानदार जानकारी. वाकई अब तो हर दिन ही कुछ न कुछ सन्देश देता है.

अजय कुमार झा ने कहा…

मैं तो खूब मनाता हूं डेली ये डे ...और बहुत सारा अब भी लिख लेता हूं और नहीं तो पांच छ पोस्टकार्ड ही सही पत्र मित्रों को ,

मगर यार मैं सोच रहा हूं कि ब्लॉगजगत में अब सबको एक दिन जबरन ...आई लव टू रीड डे ...मनवाना पडेगा ....क्या ख्याल है ??

उपेन्द्र नाथ ने कहा…

बहुत ही अच्छी जानकारी. वैसे लिखना मेरी भी आदत रही हमेशा से .....

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

'आई लव टू राइट डे' के बारे में बड़ी अच्छी जानकारी .

Unknown ने कहा…

हर दिन कुछ खास है...हम तो रोज ही कुछ न कुछ लिखते हैं भाई.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

ऐसे सुन्दर दिनों के बारे में जानकर अच्छा लगता है...आभार.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

...और छोटी बेटी कैसी है. अब तो खूब मजा आता होगा.

Shahroz ने कहा…

I Love writing !!

S R Bharti ने कहा…

लेखन को समर्पित दिन...बहुत खूब.

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

मुझे तो लिखने की बजाय अभी चित्र बनाना अच्छा लगता है.

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

अरे वाह, अद्भुत दिन !!