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गुरुवार, 25 फ़रवरी 2010

ब्लागिंग का सफरनामा : 100 पोस्ट का सफ़र

''शब्द-सृजन की ओर'' पर 100 पोस्ट का सफ़र पूरा हो चुका है और यह 101वीं पोस्ट है. आप सभी ने समय-समय पर अपनी टिप्पणियों व सुझावों से प्रोत्साहित किया और राह दिखाई. यह आप सभी का स्नेह ही है, जो मुझे प्रशासनिक व्यस्तताओं के बीच भी ब्लॉग पर लिखने को तत्पर करता है. आने वाली पोस्टों में भी आप सभी का स्नेह यूँ ही बना रहेगा, ऐसा विश्वास है...धन्यवाद !!

15 टिप्‍पणियां:

डॉ टी एस दराल ने कहा…

1०० पोस्ट पूरे होने पर आपको हार्दिक बधाई। सच एक प्रोफेशनल के लिए ब्लोगिंग के लिए समय निकलना कितना मुश्किल है , ये मैं समझ सकता हूँ।
स्नेह बना रहेगा , आप भी बनाये रखिये ।

vandana gupta ने कहा…

100 post poore hone par hardik badhayi.

Akanksha Yadav ने कहा…

..To apne shatak jad hi diya. Many-many Congts. !!

S R Bharti ने कहा…

शानदार सफ़र..बधाई.

S R Bharti ने कहा…

शानदार सफ़र..बधाई.

Bhanwar Singh ने कहा…

तो कुछ मुंह भी मीठा हो जाय...बधाइयाँ.

Unknown ने कहा…

सुन्दर उपलब्धि..निरंतरता जारी रहे.

Shahroz ने कहा…

Sweet Memories ke sath Congts.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

रोचक सफ़र.आपकी रचनाओं से लेकर दुनियादारी की बातें पढ़ी व सीखीं..बहुत-बहुत मुबारकवाद.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

यही क्या कम है की आप प्रशासन के साथ-साथ साहित्य व ब्लाग को भी समय दे रहे हैं. शतक की बधाई.

बेनामी ने कहा…

Wonderful...Balle-balle !!

Amit Kumar Yadav ने कहा…

Thats Great...Congta.

raghav ने कहा…

बधाई ही बधाई.

मन-मयूर ने कहा…

जबरदस्त शतक..बधाई.

raghav ने कहा…

"युग मानस" पर डॉ० डंडा लखनवी said...
"कलम की इबादत कलमकार की जय !
जो दिल में बसा है उसी प्यार की जय!!
जहाँ पर अदब का बसेरा रहेगा !
वहाँ पर न हरगिज अंधेरा रहेगा ॥
महकती रहे आपकी कीर्ति - नेकी।
रहें आप निर्भय, सुहृदय, विवेकी।
तरक्की करें और उत्थान होवे।
सदा आपका मान- सम्मान होवे ।"
सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी